Process of Building
अपना घर बनाने के लिए क्या-क्या जरूरी है?
पहला कदम
अपना घर बनाने की खुशी बेशकीमती होती है। डिजाइनिंग से लेकर अपनी जरूरतों के हिसाब से निर्माण की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है। पहली बात, अपने देश में जमीन दो तरह की होती है-कृषिगत और गैर कृषिगत। इसलिए पहले यह पता करने की जरूरत है कि आपने जो जमीन खरीदी है, वह किस श्रेणी में आती है। अगर यह गैर-कृषि जमीन है, तो भी इसका मतलब यह नहीं कि इस पर आप घर बना ही सकते हैं। दरअसल गैर-कृषि में भी कॉमर्शियल, वेयरहाउस, रिसॉर्ट, आईटी और रेजिडेंशियल आदि की श्रेणियां होती हैं। अगर आपकी जमीन गैर-कृषि आवासीय है, तभी आप उस पर घर बना सकते हैं।
इसके बाद आपको अपने प्लॉट के एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) के बारे में पता करना होगा। एफएसआई वह क्षेत्र होता है, जिस पर निर्माण किया जा सकता है। दो शहरों और दो राज्यों में ही नहीं, दो अलग-अलग-अलग इलाकों में भी एफएसआई अलग-अलग होता है। 100 फीसदी एफएसआई का अर्थ है कि अगर आपके पास 2,000 वर्गफुट जमीन है, तो आप इस पूरी जगह पर घर बना सकते हैं। पर अगर एफएसआई 75 फीसदी है, तो आप 1,500 वर्गफुट पर ही घर बना सकेंगे। एफएसआई की जानकारी मिलने के बाद आपको एक आर्किटेक्ट की जरूरत होगी, जो आपकी आवश्यकता के अनुरूप घर का नक्शा तैयार कर सके। नगरपालिका या नगर निगम से इस नक्शे को पास कराना जरूरी है। एक बार नक्शा पास हो जाने पर आप उसके विपरीत निर्माण नहीं कर सकते।
इसलिए हड़बड़ी में नक्शा न बनवाएं, बल्कि सोच-विचार कर यह काम करें। अतिरिक्त फ्लोर के लिए भी मंजूरी मिलती है, तो उसका निर्माण बाद में कराने के बारे में सोचें। इस तरह आपके घर की बुनियाद प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि उसी के अनुरूप आप नींव को मजबूती देंगे, ताकि भविष्य में अतिरिक्त निर्माण करने में मुश्किल न आए।
यह याद रखें कि घर बनाते हुए आप पर अनेक तरह की जिम्मेदारियां आती हैं, जिसका आपको धैर्य के साथ निर्वाह करना पड़ता है। अपनी परेशानियां कम करने के लिए आप किसी ठेकेदार की सेवा भी ले सकते हैं, जो काम को तय समय में पूरा कराए और इसका ध्यान रखे कि निर्माण लागत में वृद्धि न हो। अनिल को अपने परिवार के सदस्यों को भी विश्वास में लेना चाहिए और जिस तरह का मकान वे चाहते हैं, वैसा ही नक्शा बनवाना चाहिए। घर बनाने के लिए जिन भी सामग्रियों की आवश्यकता है, उनकी खरीद स्थानीय स्तर पर ही की जानी चाहिए।